श्री जीण माता चालीसा

श्री जीण माता चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद सुमरण करूं, गौरी नंदन ध्याय ।वरणो माता जीण यश, चरणों शीश नवाय ॥झाँकी की अदभुद छवि, शोभा वर्णी न जाय ।जो नित सुमरे माय को, कष्ट दुर हो जाय ॥   ॥ चौपाई ॥ जय श्री जीणभक्त सुखकारी । नमो नमो भक्तन हितकारी ॥१॥दुर्गा की तुम […]

श्री साईं चालीसा पाठ

श्री साईं चालीसा पाठ शिर्डी साईं बाबा कहते है बाबा बहुत सरल स्वभाव के थे। बाबा की यही सरलता लोगो को बहुत आकर्षित करती थी और बाबा सबका दिल जीत लेते थे। साईं बाबा अपने भक्तों के सभी कष्टों को स्वयं के ऊपर लेकर उनका जीवन खुशियों से भर देते हैं। ।। दोहा ।। माथ […]

श्री गायत्री चालीसा

श्री गायत्री चालीसा ॥ दोहा ॥हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड।शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड॥जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम।प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम॥   ॥ चालीसा॥भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी। गायत्री नित कलिमल दहनी॥अक्षर चौबिस परम पुनीता। इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता॥शाश्वत सतोगुणी सतरुपा। सत्य सनातन सुधा अनूपा॥हंसारुढ़ सितम्बर […]

नवग्रह चालीसा

नवग्रह चालीसा ॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह, करहुं अनुग्रह आज॥ ॥ चौपाई॥ ॥ श्री सूर्य स्तुति ॥प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा, करहुं कृपा जनि जानि अनाथा।हे आदित्य दिवाकर भानू, मैं मति […]

श्री राम चालीसा

श्री राम चालीसा ॥ दोहा ॥आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं,वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं। बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं॥ ॥ चौपाई ॥श्री रघुबीर भक्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥निशि दिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्मा इन्द्र […]

श्री सूर्य देव चालीसा

श्री सूर्य देव चालीसा ॥ दोहा ॥कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग,पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥   ॥ चौपाई ॥जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥अरुण […]

श्री खाटू श्याम चालीसा

श्री खाटू श्याम चालीसा ॥ दोहा॥श्री गुरु पदरज शीशधर प्रथम सुमिरू गणेश।ध्यान शारदा ह्रदयधर भजुँ भवानी महेश॥ चरण शरण विप्लव पड़े हनुमत हरे कलेश।श्याम चालीसा भजत हुँ जयति खाटू नरेश॥ ॥ चौपाई॥वन्दहुँ श्याम प्रभु दुःख भंजन। विपत विमोचन कष्ट निकंदन॥सांवल रूप मदन छविहारी। केशर तिलक भाल दुतिकारी॥मौर मुकुट केसरिया बागा। गल वैजयंति चित अनुरागा॥नील अश्व […]