चालीसा
श्री विश्वकर्मा चालीसा
श्री विश्वकर्मा चालीसा ॥ दोहा ॥श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥ ॥ चौपाई ॥जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥शिल्पाचार्य परम उपकारी । भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥ अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर । शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥अद्भुत सकल सृष्टि के कर्ता । सत्य […]
श्री शीतला चालीसा
श्री शीतला चालीसा ॥ दोहा ॥ जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान ।होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥घट-घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार ।शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय श्री शीतला भवानी । जय जग जननि सकल गुणधानी ॥१॥गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित । […]
श्री तुलसी चालीसा
श्री तुलसी चालीसा ॥ दोहा ॥ जय जय तुलसी भगवती, सत्यवती सुखदानी ।नमो नमो हरि प्रेयसी, श्री वृन्दा गुन खानी ॥श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब ।जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ धन्य धन्य श्री तलसी माता । महिमा अगम सदा श्रुति गाता ॥१॥हरि के प्राणहु से तुम प्यारी […]
श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा
श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा ॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥१॥सिंहवाहिनी जै जगमाता । जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥२॥कष्ट निवारण जै जगदेवी । जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥३॥महिमा अमित अपार […]
श्री राणी सती चालीसा
श्री राणी सती चालीसा ॥दोहा॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार ।राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार ॥काम क्रोध मद लोभ मै, भरम रह्यो संसार ।शरण गहि करूणामई, सुख सम्पति संसार॥ ॥ चौपाई ॥ नमो नमो श्री सती भवानी । जग विख्यात सभी मन मानी ॥१॥नमो नमो संकट कू हरनी […]
श्री महाकाली चालीसा
श्री महाकाली चालीसा ॥ दोहा ॥ जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब ।देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द ।काली चालीसा रचत एक सिद्धि कवि हिन्द ॥प्रातः काल उठ जो पढ़े दुपहरिया या शाम ।दुःख दरिद्रता दूर हों सिद्धि होय सब काम ॥ ॥ चौपाई […]
श्री अन्नपूर्णा चालीसा
श्री अन्नपूर्णा चालीसा ॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ॥ ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता । वर अरु अभय भाव प्रख्याता ॥१॥जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी । अखिल पाप हर भव-भय-हरनी ॥२॥श्वेत बदन पर श्वेत बसन पुनि । संतन तुव पद सेवत […]
श्री राधा चालीसा
श्री राधा चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥१॥नित्य विहारिणी श्याम अधर । अमित बोध मंगल दातार ॥२॥रास विहारिणी रस विस्तारिन । […]
श्री चामुण्डा चालीसा
श्री चामुण्डा चालीसा ॥ दोहा ॥ नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड ।दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ॥मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत ।मेरी भी पीड़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ॥ ॥ चौपाई ॥ नमस्कार चामुंडा माता । तीनो लोक मई मई विख्याता ॥१॥हिमाल्या मई पवितरा धाम […]
श्री शारदा चालीसा
श्री शारदा चालीसा ॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज ।माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी । आदि शक्ति तुम जग कल्याणी ॥१॥रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता । तीन लोक महं तुम विख्याता ॥२॥दो सहस्त्र बर्षहि अनुमाना । प्रगट भई शारदा जग जाना […]