श्री नरसिंह चालीसा

श्री नरसिंह चालीसा ॥ दोहा ॥ मास वैशाख कृतिका युत, हरण मही को भार ।शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन, लियो नरसिंह अवतार ॥धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम ।तुमरे सुमरन से प्रभु, पूरन हो सब काम ॥ ॥ चौपाई ॥ नरसिंह देव में सुमरों तोहि । धन बल विद्या दान दे मोहि ॥१॥जय जय नरसिंह […]

श्री आदिनाथ चालीसा

श्री आदिनाथ चालीसा ॥ दोहा॥शीश नवा अरिहंत को,सिद्धन को, करूं प्रणाम ।उपाध्याय आचार्य का,ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती,जिन मन्दिर सुखकार ।आदिनाथ भगवान को,मन मन्दिर में धार ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै आदिनाथ जिन स्वामी ।तीनकाल तिहूं जग में नामी ॥ वेष दिगम्बर धार रहे हो ।कर्मो को तुम मार रहे हो […]

श्री भैरव चालीसा

श्री भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरु गौरी पदप्रेम सहित धरि माथ ।चालीसा वंदन करोश्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरणमंगल करण कृपाल ।श्याम वरण विकराल वपुलोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्री काली के लाला ।जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी ।जयति काल-भैरव बलकारी ॥ जयति नाथ-भैरव विख्याता […]

श्री गंगा चालीसा

श्री गंगा चालीसा ॥ दोहा ॥जय जय जय जग पावनी,जयति देवसरि गंग ।जय शिव जटा निवासिनी,अनुपम तुंग तरंग ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय जननी हराना अघखानी ।आनंद करनी गंगा महारानी ॥जय भगीरथी सुरसरि माता ।कलिमल मूल डालिनी विख्याता ॥जय जय जहानु सुता अघ हनानी ।भीष्म की माता जगा जननी ॥धवल कमल दल मम तनु सजे […]

माँ काली चालीसा

माँ काली चालीसा ॥दोहा॥जयकाली कलिमलहरण,महिमा अगम अपार ।महिष मर्दिनी कालिका,देहु अभय अपार ॥   ॥ चौपाई ॥अरि मद मान मिटावन हारी ।मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥अष्टभुजी सुखदायक माता ।दुष्टदलन जग में विख्याता ॥भाल विशाल मुकुट छवि छाजै ।कर में शीश शत्रु का साजै ॥दूजे हाथ लिए मधु प्याला ।हाथ तीसरे सोहत भाला ॥चौथे खप्पर खड्ग […]

श्री सरस्वती चालीसा

सरस्वती चालीसा ॥ दोहा ॥जनक जननि पद्मरज,निज मस्तक पर धरि ।बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि ॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।दुष्जनों के पाप को,मातु तु ही अब हन्तु ॥ ॥ चालीसा ॥जय श्री सकल बुद्धि बलरासी ।जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी ॥जय जय जय वीणाकर धारी ।करती सदा सुहंस सवारी ॥रूप चतुर्भुज धारी […]

श्री नर्मदा चालीसा

श्री नर्मदा चालीसा ॥ दोहा॥देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार ।चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान ।तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥जय-जय-जय नर्मदा भवानी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी ।अमरकण्ठ से निकली माता, सर्व सिद्धि नव निधि की दाता […]

श्री झूलेलाल चालीसा

श्री झूलेलाल चालीसा ॥ दोहा ॥जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप ।अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप ॥   ॥ चौपाई ॥रतनलाल रतनाणी नंदन । जयति देवकी सुत जग वंदन ॥दरियाशाह वरुण अवतारी ।जय जय लाल साईं सुखकारी ॥जय जय होय धर्म की भीरा ।जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥संवत दस सौ सात मंझरा […]

श्री विनय चालीसा

श्री विनय चालीसा ॥ दोहा ॥मैं हूँ बुद्धि मलीन अति । श्रद्धा भक्ति विहीन ॥करूँ विनय कछु आपकी । हो सब ही विधि दीन ॥   ॥ चौपाई ॥जय जय नीब करोली बाबा । कृपा करहु आवै सद्भावा ॥कैसे मैं तव स्तुति बखानू । नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ ॥जापे कृपा द्रिष्टि तुम करहु […]